अगर ये दुनिया ना होती तो क्या होता?
जो होता भला होता।
ना माँ को वो सङक पार वाला चिंटू मुझसे भी प्यारा होता,
शायद मैं माँ की आँखों का तारा होता।
इस घर में हर बात पर क्यों होता है चिंटू का गुणगान?
हे भगवान अब तो कर कल्याण।
अगर ये दुनिया ना होती तो क्या होता?
जो होता भला होता।
ना याद दिला मुझे वो बारवी के नतीजे का दिन,
ना याद दिला मुझे वो फोन की घंटिया,
पहली से ग्यारवी तक के भी नतीजे आए थे,
उस दिन भी प्यार जताया होता,
उस दिन भी फोन घुमाया होता।
अगर ये दुनिया ना होती तो क्या होता?
जो होता भला होता।
जब नौकरी लगी तब घर में मिठाई बटी,
आई पङोसियों की टोली जो बोली,
अगर वहाँ नौकरी मिल जाती तो और अच्छा हो जाता,
अब इनको मैं क्या बोलू,
कभी तो मेरी खुशी में मुस्कराया करो,
कभी तो बिना कुछ बोले जाया करो,
जिस दिन वहाँ नौकरी लगेगी, कही और का राग तुम गाओगे,
बिना टोके नहीं रह पाओगे।
अगर ये दुनिया ना होती तो क्या होता?
जो होता भला होता।
ना वरमा जी की चिक-चिक,
ना उनकी बीवी के ताने,
“शादी कर ले बेटा, अब तो ना बना बहाने।”
अगर ये दुनिया ना होती तो क्या होता?
जो होता भला होता।